प्रस्तुत है ....
प्रथम हिंदी इंद्रजाल कॉमिक्स की एक अच्छी प्रतिलिपि ....
सोचने की कोशिश करता हूँ ज़माने की, जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, भारत में comics culture भी उतना विकसित नहीं था|
मार्च १९६४ में, इस cover page "घोड़े पे सवार एक नकाबपोश एक कुत्ते के साथ" को देखकर लोगों की प्रतिक्रिया क्या हुई होगी? यह अलग बात है, बाद में पता चला कि वो कुत्ता नहीं भेड़िया है। उस समय २८ पन्नों के लिए ६० पैसे कोई छोटी रकम नहीं थी|
हिंदी अनुवाद जरुरत से अधिक साहित्यिक बनाने की कोशिश भी हुई, वेताल की कहानियों के साथ १-२ पन्नों का ज्ञानवर्धक जानकरियाँ भी छापने की शुरुआत हुई, जो समय के साथ हम अकसर १ पन्नों का कॉमिक्स या रिप्ले का "मानों न मानो" में बदलता देखते हैं ...
आगे की कहानी आगे ...अभी तो इस अंक के बारे में
यह है:
यह है:
Sunday strips # S037 - The Belt
Original run in the papers: 7 Feb 1954 - 6 Jun 1954
Script: Lee Falk
Art: Wilson McCoy
Original run in the papers: 7 Feb 1954 - 6 Jun 1954
Script: Lee Falk
Art: Wilson McCoy
इंद्रजाल का समय के साथ बहुत ही लोकप्रिय होने का शायद दो कारण हैं:
१. Cover Art
२. रंगीन strips panels
मेरी नजर में तो Indrajal Comics भारत का सबसे लोकप्रिय कॉमिक्स था.....
१९९० में बंद हुआ था, आज २७ साल बाद भी हम दीवानों की तरह खोजते हैं, पढ़ने के लिए बेचैन रहते हैं।
वेताल की वो भी कहानियाँ मिल गयीं जो यहाँ न छपी थीं, रंगीन पन्ने भी मिल गये , वो पर वो जादु कहाँ ?
१. Cover Art
२. रंगीन strips panels
मेरी नजर में तो Indrajal Comics भारत का सबसे लोकप्रिय कॉमिक्स था.....
१९९० में बंद हुआ था, आज २७ साल बाद भी हम दीवानों की तरह खोजते हैं, पढ़ने के लिए बेचैन रहते हैं।
वेताल की वो भी कहानियाँ मिल गयीं जो यहाँ न छपी थीं, रंगीन पन्ने भी मिल गये , वो पर वो जादु कहाँ ?
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आज हम इस अंक के बारे में बहुत तर्क- वितर्क कर सकते, पर कुछ भी कह लीजिये - #१ तो #१ ही रहेगा, बड़ी मुश्किल से हम आज share कर पा रहे हैं| हद हो गयी थी, भारत में English कब का मिल गया गया था, बाकी missing page भी| पर यह ....
"अजय" की वर्षों की खोज, फिर "देशीगुरु" जी की कृपा से missing पेज का cam version, फिर उसको ठीक करने में "विद्याधर" जी के साथ कई दिंनो की मेहनत को देख...मेरा भी दिल नहीं कहता था कि सीधा उठा share कर दूँ| करीब ११ महिनों से मेरे पास था, कई कोशिशों के बाद आज मैं मन लायक re-edited बना पाया, उम्मीद है पसंद आएगी| मैं अभिषेक कपूर जी को भी तहे दिल से धन्यवाद दूँगा क्योंकि मेरी अनुग्रह पे वो भी अच्छी re-edited version बनाने का प्रयास कर रहे थे| Thanks all friends !
For Offline Reading
p.s. If you observe, any Hindi Indrajal shared till Sep 2017 - link is down,
Pls check followings 2 posts, all are re-shared:
1-443 and V20 to V27
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