
अब तक मैं अपनी वेबसाइट http://books.vidyadhar.in पर गुजराती इंद्रजाल कॉमिक्स शेयर किया करता था। थोड़े समय पहले प्रभात भाई का संदेशा आया कि वह फिर से ब्लॉगिंग की दुनिया में वापसी कर रहे हैं और पुराने ब्रोकन लिंक्स को फिक्स कर रहे हैं तो मुझे भी इस सद्कार्य में सहयोग करने की इच्छा हुई। मैंने पाया कि कुछ पेंडिंग इंद्रजाल मेरे पास भी थी जिसमे से प्रस्तुत है मेरी सबसे पहली इंद्रजाल आप सबके लिए।
तो लीजिये दोस्तों बन्दा हाज़िर है इंद्रजाल ऑनलाइन...