इंद्रजाल कॉमिक्स संख्या ३४९ से ३५१ - मौत के चेहरे.


सभी इंद्रजाल प्रेमियों को IUnknown का नमस्कार| आज आपके लिए हम लाए हैं,  इंद्रजाल कॉमिक्स संख्या ३४९ , ३५० और ३५१  - मौत के चेहरे - तीनों  भाग|
इनमे दो कहानियां है| 

पहली कहानी में आपको पढने को मिलेगी वेताल की जनरल तारा से हुई मुठभेड़ की कथा, जो मेरी पसंदीदा कहानियों में से एक है| 

दूसरी कहानी है, मैन्ड्रेक की एक विशेष खलनायक कापालिक से हुई मुलाकात | मेरी आशा थी कि कापालिक से फिर मुलाकात होगी, पर आज तक मैंने और कहीं  उसका जिक्र नहीं देखा|

भाग १ - Image and video hosting by TinyPic

दूसरे भाग का मुखपृष्ट इसलिए विशेष है कि इसमें एक संवाद गुब्बारा डाला गया है जो बहुत कम इंद्रजाल के मुखपृष्ट में दिखाई देता है|


भाग २ -  Image and video hosting by TinyPic

इन तीनो का स्कैनिंग मैंने किया है और सफाई का काम प्रभात का है| आशा है, आपको बहुत पसंद आयेगा|

भाग ३ -  Image and video hosting by TinyPic


11 comments:

वेताल शिखर on 31 July 2010 at 06:48 said...

मेरी भी पसंदीदा कहानियों में से एक है ये. आप दोनों का धन्यवाद. डाउनलोड करता हूं.

Rafiq Raja on 31 July 2010 at 13:13 said...

एक सात 3 भाग फेश्कश्? दिल खुश हुआ, धन्य्वाद ऐइअनोन ।

PBC on 31 July 2010 at 17:10 said...

@वेताल शिखर: Pls check sample pages in your mail a/c. Waiting for your opinion that's why delaying in smaller size link.

PBC on 31 July 2010 at 17:16 said...

@IUnknown: Not sure about 1st cover artist, however 2nd and 3rd covers are by late Shehab ji. The 2nd cover is first cover by him with balloons. As I remember, never again with balloons IJC covers were printed.

Comic World on 31 July 2010 at 18:50 said...

हालाँकि ये तीन भागों वाली कॉमिक पहले भी कॉमिक वर्ल्ड पर पोस्ट की जा चुकी है है पर आशा है की इस बार ये कुछ नयी विशेषता लिए हुए होगी जैसे की अति-स्वच्छ पन्ने एवं अधिक रेज्युलूशन.'मैं-अजनबी'(IUnknown) जी को धन्यवाद् दोबारा इस पेशकश को दोहराने के लिए.
प्रभात ऐसा है नहीं की कवर पर संवाद गुब्बारे लिए हुए दोबारा कोई इंद्रजाल प्रकाशित नहीं की गयी थी,अंक न.361 एक बार फिर कवर पर ऐसा ही संवाद गोला(गुब्बारा) लिए हुए पाठकों के सामने आया था,फ़र्क सिर्फ इतना था इस उसमे कहानी का नायक यानि की वेताल कुछ कह रहा था जबकि इस त्रि-अंकीय कॉमिक्स में कहानी के खलनायक यानि की जनरल तारा को कुछ कहते हुए दिखाया गया है.और हाँ..प्रथम भाग के कवर आर्टिस्ट गोविन्द ब्रहामनिया जी हैं.

Unknown on 31 July 2010 at 19:45 said...

Excellent Post.

VISHAL on 31 July 2010 at 22:35 said...

बहुत ख़ुशी हुई आपको अपने विचार हिंदी में व्यक्त करता देख , और ऊपर से 'तीहरा वार' , यह कहने में कोई अत्तिशीयोकती नहीं IUNKNOWN , की यह आजतक की आपकी सबसे जबरदस्त और दमदार पोस्ट है , स्कैनिंग बेजौड़ और PBC का शानदार सफाई अभियान , 'लाजवाब'
जैसे ही राज वर्धन के ब्लॉग से निकला 'बचा खुचा दम' ले कर , सोचा की 'शेष' बची हुई ताक़त से अपनी पोस्ट को अंतिम 'टच' देता हूँ, लेकिन यहाँ पहुंचा तो अपने आप को IUNKNOWN के इस 'तीहरे मायाजाल' में उलझा हुआ पाया, चारों तरफ से हिंदी इंद्रजाल के ही धमाके हो रहे हैं , TPH भी अपनी 'गार्थ गाथा' से विस्फोट करने ही वाले हैं और CW भी 'वन वीर लोथार' से लैस हैं यानि की अगस्त के महीने में यह 'हिंदी इंद्रजाल' के हमले और भी विकराल हो जायेंगे
इस अनमोल तोहफे के लिए IUNKNOWN और PBC आप दोनों ही बधाई के पात्र हैं

प्रेत

Venkitachalam Subramanian on 1 August 2010 at 01:06 said...

Pret,
Good to see u back, even if only in Comments. Looking forward to your return to posting.

VISHAL on 1 August 2010 at 09:53 said...

Venkitachalam Subramanian,

WOW ! Honorable person like VENKIT is happy on comeback of a new comer like me ! What a way to start a Sunday morning ! When i read that you just bring out your ijc collection from 'binding', only to share your precious treasures without bothering about damage , i was stunned and then thought THIS IS WHAT A TRUE SHARING ATTITUDE IS ALL ABOUT !

Raj's non-stop posting style, TPH's advice, Your real sharing spirit and ICC's appearance after long years, these are the factors which forced me to change my mind.
Definitely, you will see my post soon.

PRET

IUnknown on 1 August 2010 at 16:55 said...

सभी प्रतिक्रियाओं के लिए शुक्रिया| प्रेत स्वागत है|

anshuman said...

dude link is not working

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